Himanshu Mishra

बाबरी मस्जिद में नमाज कब बंद हुई थी

अखाड़े के महंत रघुवर दास ने फैजाबाद के न्यायालय में बाबरी ढांचे के 

बाहरी आंगन में स्थित राम चबूतरे पर बने अस्थाई मंदिर को पक्का बनाने   

और छट डालने की मांग की जिस पर जज ने यह फैसला सुनाया कि वहां हिंदुओं को 

पूजा अर्चना करने का तो अधिकार है लेकिन वह मंदिर को पक्का बनाने 

और छट डालने की अनुमति नहीं दे सकते हालांकि इसके कुछ दशक के 

बाद यानी 1934 में अयोध्या में एक बार फिर से दंगे होते हैं जिसमें बाबरी मस्जिद का कुछ हिस्सा टूट जाता है 

हालांकि बाद में इस हिस्से को रिपेयर करवा दिया जाता है लेकिन यह घटना होने के बाद से यहां नमाज बंद हो जाती   

भारतीय इतिहास का सबसे घटिया मुगल शासक