कई अरबो डॉलर खर्च करके अंतरिक्ष यात्रियों को चांद तक भेजती है ताकी हम पृथ्वी के बहार भी चीजों को समझ सके और उन पर और अध्ययन कर सके।
Apollo मिशन अमेरिका और नासा का बहुत ही जरूरी मिशन रहा है, जिसमें अपने स्पेस क्राफ्ट्स को धरती से बहार चांद पर भेजा तकी वहा पर भी कुछ खोज किया जा सके
यह घटना है 13 अप्रैल 1970 की जब अपोलो 13 चांद पर पहुंचने वाला था लेकिन इस दुर्घटना के कारण उस मिशन को वही पर टर्मिनेट कर दिया गया था।
जब यह दुर्घटना घटी तब Apollo 13 पृथ्वी से लगभाग 3 लाख किलोमीटर की दूरी पर था
लेकिन तभी एक बहुत ही तेज धमाका होता है और यह मिशन बन जाता है दुनिया का सबसे खतरनाक स्पेस मिशन।
इस घटना के दौरान उन् तीन अंतरिक्ष यात्रियों को किस तरह से दिक्कतों का सामना करते हुए वापस पृथ्वी पर आना पड़ा था
किसी भी स्पेस क्राफ्ट के 3 हिस्से होते हैं जो लूनर मॉड्यूल, कमांड मॉड्यूल और सर्विस मॉड्यूल के नाम से जाना जाता है
बाद में हुए रिसर्च के बाद ये पता चला की स्विच दबाने के बाद ही एक स्पार्क हुआ जिसके वजह से वहां मौजूद ऑक्सीजन के वजह से आग लग गयी
अब जब कोई रास्ता और काम भर की ऑक्सीजन और बिजली नहीं बची थी तब NASA की टीम ने सोचा की अब लूनर फ्री return ट्राजेक्टोरी को इस्तेमाल करके स्पेस क्राफ्ट को चाँद पर बिना लैंड कराये धरती के तरफ वापस मोड़ लेना चाहिए