वह 10 रोचक राजनीतिक घटनाएं जिन्होंने दुनिया को बदल दिया।
वह 10 रोचक राजनीतिक घटनाएं जिन्होंने दुनिया को बदल दिया। इतिहास एक ऐसा विषय है जो हमें काफी कुछ सिखाता है जिससे हमें यह सीखने को मिलता है कि हमें एक राज्य के रूप में एक देश के रूप में क्या करना चाहिए क्या नहीं करना चाहिए हमारी जनता के लिए क्या सही है क्या गलत है
और सबसे महत्वपूर्ण की हमारे आपसी अंतरराष्ट्रीय संबंध कैसे होने चाहिए , वह 10 रोचक राजनीतिक घटनाएं जिन्होंने दुनिया को बदल दिया।
इतिहास से हम यह काफी महत्वपूर्ण सबक सिखाते हैं कि किस तरह से सभी सभ्यताओं को आपस में मिलजुलकर एक साथ रहना पड़ता है और यह काफी जरूरी भी है कि लोग एक साथ मिलजुल कर रहे हैं वह 10 रोचक राजनीतिक घटनाएं जिन्होंने दुनिया को बदल दिया।
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क्रिस्टोफर कोलंबस द्वारा अमेरिका की खोज
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क्रिस्टोफर कोलंबस जो की एक यात्री था उसने एक सपना देखा था और इस सपने को पूरा करने के लिए उसने 1492 ईस्वी में अपनी यात्रा शुरू की जी यात्रा के अंत में उसने अमेरिका को खोजा
क्रिस्टोफर कोलंबस तीन जहाजों के साथ निकाला था जिन का नाम था सांता मारिया, पिंटा , नीना , कोलंबस के साथ इस यात्रा में कई और भी लोग जुड़े थे जिन्हें रोमांचक यात्रा करना पसंद था उन्होंने यूरोप के विंडवार्ड द्वीप समूह को छोड़कर ही अमेरिका की यात्रा शुरू की
12 अक्टूबर 1492 को पहली बार कोलंबस की टीम को सपना सच होने का अंदेशा हुआ और वह एक छोटे से द्वीप समूह पर पहुंचे
कोलंबस द्वारा किया गया यह काम इतिहास में अमर हो गया इसके बाद से धीरे-धीरे वहां पर अमेरिका जैसे देश की स्थापना हुई वह 10 रोचक राजनीतिक घटनाएं जिन्होंने दुनिया को बदल दिया।
मार्टिन लूथर किंग के थीसिस का पब्लिश होना
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मार्टिन लूथर किंग ने 31 अक्टूबर 1517 में अपनी कुछ 95 थीसिस प्रकाशित की थी
इस घटना का नाम दिया गया रिफॉर्मेशन क्योंकि उनके इस 95 थीसिस के अंदर कुछ ऐसी चीज थी जो वह चाहते थे कि चर्च उन्हें खत्म करें या फिर उसमें सुधार करें
मार्टिन लूथर किंग ने यह शोध इसलिए किए थे क्योंकि वह चाहते थे कि धर्म के नाम पर चर्च के अंदर जो भी आपत्तिजनक कार्य हो रहे हैं उस पर या तो रोक लगाई जाए या तो उसमें सुधार की जाए हालांकि सभी चर्च उस समय इस कार्य के खिलाफ थे और उन्होंने इसे बंद करने की काफी कोशिश भी की थी
हिटलर का कुलपति बनना
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एडोल्फ हिटलर जो कि जर्मनी का कुलपति था उसने अपना कार्य भार 30 जनवरी 1933 को संभाला था , जैसा कि हम सभी जानते हैं कि एडोल्फ हिटलर एक नाजी पार्टी का कार्य करता था लेकिन 1932 के चुनाव में उसके पार्टी को सबसे ज्यादा सिम मिली थी जिसकी वजह से वह कुलपति के पद पर बैठ पाया गौरतलब है कि हिटलर को कुलपति बनने में वहां के राष्ट्रपति का एक काफी बड़ा हाथ था
लेकिन आने वाले समय में हिटलर ने राष्ट्रपति को भी नहीं छोड़ा और उसके बाद वह जर्मनी का सबसे ताकतवर राष्ट्रपति बना , यह ऐसी घटना थी जिसकी वजह से जर्मनी का इतिहास एक नए स्तर पर चला गया जो की इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा
जर्मनी द्वारा पोलैंड पर आक्रमण
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एक जर्मन राष्ट्र बनाने के लिए हिटलर और नाजी पार्टी के लोगों ने पूरे यूरोप पर आक्रमण करने की योजना बनाई थी उनका यह मानना था कि जर्मनी में वही लोग रहेंगे जो जर्मन जीवन शैली को अपनाते हैं , जर्मनी ने पोलैंड पर 1 सितंबर 1939 को आक्रमण करना शुरू किया जिसमें उन्होंने काफी तेजी से पोलैंड की सीमा को पार करते हुए पोलैंड पर बहुत खतरनाक हमला किया
यह सिर्फ इस कारण से संभव हो पाया क्योंकि जर्मनी के पास एक ताकतवर सेना थी
और उनका जो युद्ध का तरीका था वह काफी आधुनिक था जिसकी मदद से उन्होंने पोलैंड की तरफ अपने आक्रमण को काफी तेजी से बढ़ाया
गौरतलब है कि इसी की देखा देखी 17 दिसंबर 1939 को सोवियत संघ ने भी पोलैंड की ओर से आक्रमण किया
हिरोशिमा और नागासाकी परमाणु हमला
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विश्व के इतिहास में 6 और 9 अगस्त 1945 दो ऐसे ऐतिहासिक दिन है जिसमें पहली बार किसी देश के ऊपर किसी दूसरे देश द्वारा परमाणु हमला किया गया था क्योंकि इसी दिन अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम गिराए थे , जिसका असर काफी भयानक हुआ था और हजारों लोगों की मौत भी हो गई थी और तो और इसके बाद जितने भी लोग जिंदा बचे रेडिएशन के कारण उनमें से भी अधिकतर को कैंसर जैसी बीमारियां हो गई
6 अगस्त 1945 को यह हमला अमेरिका द्वारा हिरोशिमा पर किया गया
9 अगस्त 1945 को यह हमला नागासाकी पर किया गया
जिसके परिणाम स्वरुप 15 अगस्त 1945 को जापान ने अपनी हार मान ली
9/11 का हमला
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अमेरिका के इतिहास में 11 सितंबर 2001 को एक ऐसी ऐतिहासिक घटना हुई जिसको नाम दिया गया 9 11 क्योंकि इसी दिन अलकायदा आतंकवादी संगठन द्वारा आत्मघाती हमला किया था न्यूयॉर्क सिटी के विश्व ट्रेड सेंटर पर इस केंद्र में दो ऊंची इमारतें शामिल थी इस हमले में तकरीबन 3000 लोगों की मौत हुई थी जिसके कारण विश्व भर में आतंकवाद के खिलाफ एक सामूहिक आंदोलन और विरोध भी उठा था
इस हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र अमेरिका ने आतंकवाद के खिलाफ युद्ध शुरू कर दिया और आतंकवादी संगठनों के खिलाफ एक काफी कड़ी कार्रवाई करना भी आरंभ किया
वर्ल्ड वॉर 2 और भारत की आजादी
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हालांकि दूसरा विश्व युद्ध और भारत की आजादी दोनों अलग-अलग घटनाएं हैं लेकिन यह दोनों घटनाएं एक दूसरे से संबंधित है और दोनों के बीच का जो संबंध है वह काफी महत्वपूर्ण रहा है
यह युद्ध दो गुटों के बीच में हुआ था जिसमें एक थी एलाइड्स और दूसरे से एक्सिस अब क्योंकि उसे समय भारत पर ब्रिटिश साम्राज्य का शासन था भारत ब्रिटिश साम्राज्य का हिस्सा था इसीलिए भारतीय सैनिक भी ब्रिटिश सेवा में शामिल थे और उन्होंने भी द्वितीय विश्व युद्ध में बढ़-कर कर हिस्सा लिया था क्योंकि ऐसा लगा था कि यदि भारतीय विश्व युद्ध में अंग्रेजों का साथ देंगे तो उन्हें आजादी मिल जाएगी
परंतु कुछ इतिहास कारों यह मानना है कि भारत की आजादी के पीछे दूसरा विश्व युद्ध का एक और अहम बिंदु है क्योंकि दूसरे विश्व युद्ध के बाद जिस तरह से ब्रिटिश साम्राज्य को भारी नुकसान हुआ था
वह उस स्थिति में ही नहीं थे कि अपने किसी भी उपनिवेश को सुचारू रूप से चला सकें जिसकी वजह से उन्होंने भारत को स्वतंत्र करने का निर्णय लिया
नालंदा विश्वविद्यालय का विनाश
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नालंदा विश्वविद्यालय का विनाश एक बहुत ही महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटना है क्योंकि उसे समय में नालंदा विश्वविद्यालय विश्व की एक महत्वपूर्ण शैक्षणिक संस्थापि जहां पर 90 लाख से भी अधिक किताबें रखी हुई थी जिसके अंदर प्रमुख रूप से जैन धर्म बुद्ध धर्म हिंदू धर्म और वेदांत की शिक्षा का
नालंदा विश्वविद्यालय के विनाश का पूरा का पूरा श्रेय मुस्लिम सेनापति बख्तियार खिलजी को जाता है क्योंकि बख्तियार खिलजी ने ही नालंदा पर हमला किया और इसे नष्ट करने के बाद वहां पर मस्जिद बनाई जहां पर फिर सिर्फ और सिर्फ इस्लाम धर्म की शिक्षाएं लोगों को देने लगी
नालंदा विश्वविद्यालय का विनाश एक सांस्कृतिक और शैक्षिक क्षेत्र के विनाश का काफी बड़ा कारण है क्योंकि यहां पर 90 लाख से भी अधिक जो किताबें थी वह विभिन्न विषयों पर आधारित थी जिसके अंदर राजनीति और आयुर्वेद आदि जैसे कई सारे महत्वपूर्ण संकलन थे
भारत में मुगल साम्राज्य की स्थापना
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भारत बहुत पहले से ही विश्व गुरु रहा है भारत की वजह से पूरे विश्व का व्यापार काफी फलाफे खुला है इसी वजह से भारत को सोने की चिड़िया भी कहा गया था लेकिन एक समय ऐसा आया था जब इस सोने की चिड़िया को भी बुरी नजर लग गई
क्योंकि जिस समय से इस्लामिक आक्रमणकारी भारत पर आक्रमण करना शुरू किया इस समय से भारत की गुलामी की शुरुआत हुई इसके लगभग 100 से 200 सालों के भीतर ऐसा समय आया जब पूरे भारत पर मुगलों का अधिकार हो गया था और पूरी भारतीय अर्थव्यवस्था पर मुगलों का एक अधिकार था
जिसकी वजह से मुगलों ने भारतीय अर्थव्यवस्था का शोषण किया भारतीय अर्थव्यवस्था को ऐसा निहित किया किया भारत के लिए काफी बड़ा झटका साबित हुआ
मुगलों ने केवल राजनीति की नहीं बल्कि साहित्यिक बदलाव भी किया जिसकी वजह से भारत के कई पुराने मंदिरों को भी तोड़ा गया और उसकी जगह मस्जिदों का निर्माण हुआ
ऐसा भी कहा जाता है कि मुगलों द्वारा ही भारत में जातिवाद का बीज बोया गया था
यहूदी देश इजराइल का गठन
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इसराइल जो की एक यहूदी बाहुल्य देश है इसकी स्थापना 14 में 1948 को की गई थी संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 1947 में इसके विभाजन का प्लान बनाया गया था इसके बाद फिलीस्तीन को बताकर दो देश के रूप में स्थापित किया गया एक फिलिस्तीन और दूसरा इजरायल
इजरायल की स्थापना के वजह से ही अरब इजरायली वॉर भी शुरू हुआ था जिसका मुख्य कारण था आपसी भेदभाव
पर सभी परेशानियों के बावजूद भी इजरायल की तरफ से जो जज्बा दिखाया गया जो विकास का गुण दिखाया गया उसकी वजह से आज इसराइल एक काफी समृद्ध देश है और विश्व के काफी शक्तिशाली देश में एक भी है
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