अजीनोमोटो का काला सच “The Dark Side of Ajinomoto: 10 Disadvantages Impacting Your Well-being”

The Dark Side of Ajinomoto
The Dark Side of Ajinomoto

The Dark Side of Ajinomoto मैगी चाऊमीन मंचूरियन स्प्रिंग रोल आदि चाइनीस व्यंजन भारतीय युवाओं के फेवरेट फूड में शामिल है कई युवा तो इसे ही खाकर अपना पेट भरते हैं

The Dark Side of Ajinomoto

बदलते जीवन शैली ने इन चाइनीस फूड को हमारे दे तो दे लाइफ का एक बहुत ही जरूरी हिस्सा बना दिया है बच्चे हो या बड़े बूढ़े हर वर्ग के लोग इसे बड़े चाव के साथ खाते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि इन व्यंजनों को स्वादिष्ट बनाने के लिए जिसका उपयोग किया जाता है उसे कहते हैं अजीनोमोटो जो की एक प्रकार का धीमा जहर है

The brain killer

दिमाग को पागल करने का मसाला – इसे दिमाग का झाड़ू भी कहते हैं जो सफेद क्रिस्टल के रूप में होता है यह मोनोसोडियम ग्लूटामैट नामक रसायन है जिसे लोग अजीनोमोटो के नाम से जानते हैं इसे जिस फूड में डाला जाता है उसका स्वाद बढ़ा देता है अजीनोमोटो एक ऐसा रसायन है जिसके जीभ पर स्पर्श के बाद जीभ भ्रमित हो जाती है और मस्तिष्क को झूठे संदेश भेजना लगती है जिसकी वजह से सड़ा गला या बेस्वाद खाना भी अच्छा महसूस होता है

The Dark Side of Ajinomoto
The Dark Side of Ajinomoto

इस रसायन के प्रयोग से शरीर के अंगों उपांगों और मस्तिष्क के बीच न्यूरॉन्स का नेटवर्क बाधित हो जाता है जिसके दूरगामी दुष्परिणाम होते हैं

History

मोनोसोडियम ग्लूटामैट की खोज एक जापानी वैज्ञानिक ने 1908 में की थी समुद्री घास कट सवासी और कोंबो से बने जापानी डिश में एक विलक्षण स्वाद होता है जो मीठे नमकीन खट्टे और कड़वे स्वाद से भिन्न है

प्रोफेसर ने जलीय निष्कर्ष और क्रिस्टलीकरण पद्धति से समुद्री घास लैमिनेरिया जापानी का घास से ग्लूटामिक अमल को अलग किया और इस साल्ट के विशेष स्वाद का उमड़ी नाम दिया जो एक पांचवें स्वाद के रूप में प्रसिद्ध हुआ जिसका अर्थ होता है सुखद स्वाद

Discovery

प्रोफेसर एकेडमी इस खोज का नाम रखा मोनोसोडियम ग्लूटामैट और msg के नाम से जापान में पेटेंट ले लिया 1909 में सुजुकी भाइयों के साथ मिलकर इसके व्यापारिक उत्पादन के लिए अजीनोमोटो नाम से कंपनी खोली इसी साल पहली बार इसका कमर्शियल उत्पादन हुआ

The Dark Side of Ajinomoto
The Dark Side of Ajinomoto The Dark Side of Ajinomoto

अजीनोमोटो इंसान के लिए सुरक्षित है या नहीं इसकी डिबेट की शुरुआत हुई जब एक चीनी रेस्टोरेंट सिंड्रोम ने इसका प्रयोग न करने का फैसला लिया क्योंकि जिन dishes में अजीनोमोटो का उपयोग हुआ था उन्हें खाकर उनके ग्राहक बीमार पड़ने लगे और सबसे बड़ी बात यह थी कि सभी बीमा कस्टमर के लक्षण भी एक जैसे ही थे

The awakening

इस घटना के बाद मेडिको एकेडमिक इंडस्ट्री ने भी एमएसजी के दुष्प्रभाव के बारे में लिखना शुरू कर दिया
अजीनोमोटो युक्त भोजन गर्भावस्था में नहीं करना चाहिए प्रेगनेंसी के दौरान ज्यादा मात्रा में msg का सेवन गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए घातक हो सकता है अजीनोमोटो एक प्रकार का नमक ही है यह रक्तचाप को बढ़ाता है जिससे बच्चे तक सही मात्रा में भोजन पहुंचाने में बाधा उत्पन्न होती है और बच्चे की मस्तिष्क के न्यूरो को प्रभावित करता है

Disadvantages


जिससे गर्भ में पल रहे बच्चे का विकास पूर्ण रूप से नहीं हो पाता और शिशु मानसिक रूप से कमजोर पैदा हो सकता है इसके सेवन से सर दर्द फ्लशिंग स्वेटिंग नौसा वीकनेस हो सकता है कुछ स्टडीज में यह भी पाया गया है कि इसका ज्यादा सेवन से बच्चों में ब्रेन डैमेज और आंखों में परेशानी हो सकती है

Msg एक न्यूरोट्रांसमीटर है जो मस्तिष्क की कोशिकाओं को उत्तेजित करता है उत्तेजित न्यूरॉन्स अनिद्राक जैसी स्थिति उत्पन्न कर सकते हैं ज्यादा सेवन से अचानक दिल की धड़कन बढ़ जाना सीने की मांसपेशियों में खिंचाव जैसी समस्या भी उत्पन्न हो सकती है

The Dark Side of Ajinomoto
The Dark Side of Ajinomoto ., The Dark Side of Ajinomoto

The sweet poison

अजीनोमोटो पैरों की मांसपेशियों और घुटनों में दर्द पैदा कर सकता है या हड्डियों को कमजोर और शरीर द्वारा जितना भी कैल्शियम लिया गया हो उसे कम कर देता है इसका सेवन करने से शरीर में इंसुलिन की मात्रा बढ़ जाती है और इसके सेवन से रक्त में ग्लूटामैट का स्तर बढ़ जाता है इसी वजह से शरीर पर काफी गंभीर प्रभाव पड़ता है
अंकित यह एक नशे की तरह कार्य करता है एक बार इसे खा लेते हो तो बार-बार खाने का जी चाहता है और इसे खाने से नुकसान भी होता है एमएसजी को एक धीमा जहर कहना भी गलत नहीं है

Leave a Reply